Search

Home > Stories of Premchand प्रेमचंद की कहानियाँ > 14: प्रेमचंद की कहानी "वैर का अंत" Premchand Story "Vair Ka Ant"
Podcast: Stories of Premchand प्रेमचंद की कहानियाँ
Episode:

14: प्रेमचंद की कहानी "वैर का अंत" Premchand Story "Vair Ka Ant"

Category: Arts
Duration: 00:19:31
Publish Date: 2018-06-18 11:06:25
Description:

जागेश्वर ने सोचा, जब चाचा साहब की मुट्ठी से ज़मीन निकल आयेगी तब मैं दस-पाँच रुपये साल पर इनसे ले लूँगा। इन्हें अभी कौड़ी नहीं मिलती। जो कुछ मिलेगा, उसी को बहुत समझेंगी। दूसरे दिन दावा कर दिया। मुंसिफ के इजलास में मुकदमा पेश हुआ। विश्वेश्वरराय ने सिद्ध किया कि तपेश्वरी सिद्धेश्वर की कन्या ही नहीं है।

गाँव के आदमियों पर विश्वेश्वरराय का दबाव था। सब लोग उससे रुपये-पैसे उधार ले जाते थे। मामले-मुकदमे में उनसे सलाह लेते। सबने अदालत में बयान किया कि हम लोगों ने कभी तपेश्वरी को नहीं देखा। सिद्धेश्वर के कोई लड़की ही न थी। जागेश्वर ने बड़े-बड़े वकीलों से पैरवी करायी, बहुत धन खर्च किया, लेकिन मुंसिफ ने उसके विरुद्ध फैसला सुनाया। बेचारा हताश हो गया। विश्वेश्वर की अदालत में सबसे जान-पहचान थी। जागेश्वर को जिस काम के लिए मुट्ठियों रुपये खर्च करने पड़ते थे, वह विश्वेश्वर मुरौवत में करा लेता।

जागेश्वर ने अपील करने का निश्चय किया। रुपये न थे, गाड़ी-बैल बेच डाले। अपील हुई। महीनों मुकदमा चला। बेचारा सुबह से शाम तक कचहरी के अमलों और वकीलों की खुशामद किया करता, रुपये भी उठ गये, महाजनों से ऋण लिया। बारे अबकी उसकी डिग्री हो गयी। पाँच सौ का बोझ सिर पर हो गया था, पर अब जीत ने आँसू पोंछ दिये।

विश्वेश्वर ने हाईकोर्ट में अपील की। जागेश्वर को अब कहीं से रुपये न मिले। विवश होकर अपने हिस्से की ज़मीन रेहन रखी। फिर घर बेचने की नौबत आयी। यहाँ तक कि स्त्रियों के गहने भी बिक गये। अंत में हाईकोर्ट से भी उसकी जीत हो गयी। आनंदोत्सव में बची-खुची पूँजी भी निकल गयी। एक हज़ार पर पानी फिर गया। हाँ, संतोष यही था कि ये पाँचों बीघे मिल गये। तपेश्वरी क्या इतनी निर्दय हो जायगी कि थाली मेरे सामने से खींच लेगी।

लेकिन खेतों पर अपना नाम चढ़ते ही तपेश्वरी की नीयत बदली। उसने एक दिन गाँव में आकर पूछ-ताछ की तो मालूम हुआ कि पाँचों बीघे 100 रु. में उठ सकते हैं। लगान केवल 25 रु. था, 75 रु. साल का नफा था। इस रकम ने उसे विचलित कर दिया। उसने असामियों को बुला कर उनके साथ बंदोबस्त कर दिया। जागेश्वरराय हाथ मलता रह गया।

Total Play: 0

Users also like

20+ Episodes
An Enquiry C .. 30+     4
1K+ Episodes
HBR IdeaCast 900+     100+
200+ Episodes
Philosophize .. 1K+     70+
60+ Episodes
Logical Fall .. 20+     4
100+ Episodes
Ek Kahani Ai .. 200+     100+

Some more Podcasts by Sameer Goswami

1K+ Episodes
Kahani Suno     4